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देश की अखंडता के लिए जाति विहीन समाज ज़रूरी



भारतीय समाज में बहुत सी जातियां है और यह हर धर्म में है, मेरे शब्दों में जाति एक भ्रमित अवस्था है क्योंकि यह मनुष्य को भ्रम में डाले रखती है जो खुद को ऊंची जाति का मानता है वो भी भ्रम में है और जो खुद को नीची जाति का मानता है वो भी भ्रम में है जाति हमेशा समाज को बांटने का काम करती है जो ऊँची जाति होने के भ्रम में होता है उसके अंदर जातीय अभिमान पैदा हो जाता है और दूसरी जातियों से घृणा करता है बस समाज यहीं बंट जाता है यहीं से देश की अखंडता की नींव खोखली होनी शुरू हो जाती है क्योंकि यह बात गांव को बाँट देती है गांव से कस्बों को शहरों को समाज को और फिर देश को बाँट देती है यहाँ तक की धर्मस्थलों तक को बाँट देती है भारत में कुछ जगहों पर ऐसी बातें भी देखने को मिलती है कि देखने मात्र से छूत लग जाती है कहीं पर 24 क़दम दूर से कहीं पर 96 क़दम दूर से एक उच्च जाति को छूत लग जाता है । जाति में बंटे लीगो का लाभ अब वो नेता उठाते है जो अपने वोटबैंक को मजबूत करने के लिए जातीय राजनीती करते है जो समाज को जाति के नाम पर लड़ाते है जो जाति का नाम लेकर दूसरे लोगों को कमतर आंकते है और भोले भाले लोग उनकी बातों में आ जाते है फिर राज सही आदमी नहीं बल्कि वो करता जिसे जनता ने उसके गुणों के आधार पर नहीं उसकी जाति के आधार पर वोट दी है अब समझ ही सकते है वो कैसा राज करेगा समाज का कैसा विकास होगा । समाज जातियों में बंटा होने के कारण आर्थिक विकास के लिए व्यावयासिक और भौगोलिक गतिशीलता में बाधक है जिस कारण देश का विकास तेजी से नहीं हो पाता । 
               हमारा देश विभिन्न धर्मों का देश है इसी लिए अनेकता में एकता यहाँ दिखाई देती है लेकिन जातियों को लेकर यहाँ एकता बहुत ही कम दिखाई देती है जातियों में बंटा होने के कारण अक्सर यह देखने को मिलता है कि अगर दो मनुष्यों में किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ तो वो झगड़ा जल्द ही जातीय झगड़ों में तब्दील हो जाता है दोनों पक्षों के जाती के लोग बेवजह आमने सामने आ जाते है जो मसअला आसानी से सुलझ सकता था वो बहुत बढ़ जाता है इसी लिए जातियां क़दम क़दम पर देश की अखण्डता के लिए मुश्किलें खड़ी करती रहती है अगर देश में अखण्डता को मजबूत बनाएं रखना है तो जाती विहीन समाज की कल्पना नहीं बल्कि जाती विहीन समाज बनाना ज़रुरी है ।

             ✒ आसिफ कैफ़ी सलमानी
        
Written By - Asif Kaifi Salmani

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